ये पोस्ट जरूर पढ़ें कि दोबारा नहीं पूछना पड़े…श्रीकांत सौरभ

Blog Career/Jobs Cover Story अन्तर्द्वन्द धर्म/अध्यात्म

फलित का काम पूरी तरह से ज्योतिषी के मन पर आधारित है। इस विद्या को समझना यूपीएससी की परीक्षा से भी कठिन है। दो धारी तलवार की स्थिति हो जाती है इसमें। सटीक और स्पष्ट ना बताओ तो आपकी योग्यता पर प्रश्न चिन्ह लगता है। किसी से स्पष्ट बता दो और चीजें फलित ना हो तो फ्रॉड या झूठा का ठप्पा लगना तय है।

वैसे हम मनुष्यों को प्रकृति ने प्लान्ड और प्रोग्राम्ड ही ऐसा किया है कि सबकी कसौटी पर खड़े नहीं उतर सकते। भावना वश की गई मेरी भी कुछ भविष्यवाणी जातकों पर सटीक नहीं उतरतीं। लेकिन ऐसा होना स्वाभाविक है। आखिरकार हम भगवान नहीं इंसान ही हैं। वैसे भी मैं जातक से चार्ट विश्लेषण को लेकर किसी तरह का दावा या वादा नहीं करता। ये कि मेरा कहा फलित होगा ही।

Shrikant Saurabh
Shrikant Saurabh

ज्योतिषी और जातक का आत्मीय रिश्ता पूरी तरह विश्वास पर टिका है। इसलिए सभी को मेरी मुफ्त की सलाह है, जिस पर विश्वास नहीं हो उससे कुंडली नहीं दिखाएं। चाहे आपको महीनों या सालों तक क्यों नहीं प्रतीक्षा करनी पड़े। अच्छी तरह से परख कर अपने विवेक से ही ज्योतिषी चयन करें। उनकी सलाह पर अमल भी करें। और आए दिन नए-नए ज्योतिषियों से भाग्य बांचवाने की प्रवृति से बाज आएं। दुनिया में कुछ भी मुफ्त नहीं। मुफ्त की चीजें बहुत ही महंगी साबित होती हैं अप्रत्यक्ष रूप से।
कहा जाता है कि ज्योतिषी भविष्य का आकलन भर करता है। उसे बदल नहीं सकता। इसे ऐसे समझा जाए कि बारिश कब होगी यह पता चल जाए तो उस अवधि को रोका नहीं जा सकता। लेकिन उससे होने वाले नुकसान से बचाव के लिए जरूरी तैयारी की जा सकती है। हालांकि तूफान की स्थिति में सारी तैयारी धरी की धरी रह जाती है। बुखार का होना और एक निश्चित अवधि में ठीक होना भी तय है। लेकिन दवा के सेवन से राहत जरूर मिलती है। और बुखार होते हुए, दवा खाते हुए भी रोगी मरते हैं। यह भी सच है।
ज्योतिषी के साथ भी ऐसा ही है, छोटे-छोटे उपाय बड़ा-बड़ा काम कर जाते हैं। और कभी सारे उपाय धरे-धरे रह जाते हैं। अनहोनी हो ही जाती है। जिस तरह बीमारी कितनी भी जटिल क्यों न हो, लोग डॉक्टर के पास जाना नहीं छोड़ते। ज्योतिषी के साथ भी ठीक वहीं बात है। अब आप इसे माने या नहीं माने यह पूरी तरह आपकी सोच पर निर्भर करता है।

कई मित्र फीस की जानकारी मांगते हैं। इनबॉक्स में उनको सेवा-शर्ते बता देता हूं। कुछ मित्र जानकारी लेकर गुप्त हो जाते हैं तो कुछ फौरी तौर पर या कुछ दिन बाद सम्पर्क भी करते हैं। वैसे मैं मुफ्त में भी कुंडली देखता हूं लेकिन उनकी जो पीड़ित, बेरोजगार हैं। वह भी मेरी मर्जी पर निर्भर है कि किसकी देखूं। फ्री दिखाने के लिए अनुरोध बहुतों का आता है। लेकिन अधिकांश को इग्नोर करता हूं।
क्योंकि किसको कैसा ज्योतिषी या गुरु मिलेगा या उसकी किस्मत पर निर्भर करता है। वैसे इस दुनिया में किसी के लिए भी समय, सुकून व संतुष्टि से कीमती कुछ भी नहीं है। इस विद्या से जो भी आय होती है वो सोनी ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के खाते में जाती है। आय की 30 प्रतिशत राशि मानवीय व धार्मिक कल्याण में खर्च की जाती है। सोनी ज्योतिष अनुसंधान केंद्र को ट्रस्ट का रूप देने का प्रयास हो रहा है।